भाषण कैसे दें?
माँ शारदा के पावन प्रांगण में उपस्थित सभी आदरणीय अतिथिगण, प्रबंधन
समिति के सभी सम्मानित पदाधिकारी, स्कूल की निदेशक प्रधानाचार्या एवं
प्रधानाचार्या, सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा प्यारे बच्चो!,
जैसा की आप सभी को पूर्व विदित ही है कि आज हम सब यहाँ आज़ादी का अमृत
महोत्सव मनाने के लिए उपस्थित हुए हैं | आज का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक ख़ुशी का दिन
है| इस पावन अवसर पर हमारी यह ख़ुशी और भी अधिक बढ़ गई है, क्योंकि आज हमारे मध्य
समाज के गणमान्य लोग, हमारे अतिथि के रूप में उपस्थिति हैं| उनकी गरिमामयी
उपस्थिति हमारे कार्यक्रम की शोभा को और अधिक बढ़ा रही है| आप सभी ने अपने कीमती
समय में से जो अविस्मरणीय समय हमें दिया, उसके लिए हम हृदय से आभारी हैं|
आप सभी को 75वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ | आज हमारे देश को
आज़ाद हुए पूरे 75 वर्ष हो चुके हैं और पूरा देश मिलकर आज़ादी का अमृत महोत्सव माना
रहा है | हम सब भी इस महोत्सव में सम्मिलित हैं | यह दिन बड़ा ही पावन है| यह आज़ादी
अमूल्य है | क्योंकि इसे पाने के लिए हज़ारों देशभक्तों ने अपने प्राणों का बलिदान
दिया, तब जाकर यह शुभ दिन हमें देखने को मिला है | कहा जाता है कि-“पराधीन सपनेहु
सुख नाही” जो व्यक्ति गुलाम होता है, उसे सपने में भी सुख नहीं मिल सकता, और
विश्वगुरु कहलाने वाला भारत, पूरी दुनिया को सभ्य बनाने वाला भारत, अनेक वीरों की
जन्मभूमि आखिर गुलाम कैसे हो गई ? यह विचारणीय है| क्योंकि इसका कारण था एकता का
अभाव | एकता न होने के कारण, छोटे-छोटे राज्यों में, जातियों में बटे होने के
कारण, केवल अपने ही बारे में सोचने के कारण हमें गुलाम बना लिया गया | हम इतिहास
को एक विषय के रूप में इसीलिए पढ़ते हैं ताकि भूतकाल में जो गलतियाँ हमने की,
उन्हें दोहराया न जाए, बल्कि उनसे सीख लेते हुए भविष्य को बेहतर बनाने की तैयारी
की जाए|
तो आओ मिलकर देश और समाज के विकास की योजना बनाएं| जब देश और समाज का
विकास होगा, तो हमारा विकास स्वत: ही हो जाएगा | मुझे लगता है 15 अगस्त 1947 को हम
राजनैतिक रूप से तो स्वतंत्र हो गए, परन्तु अभी भी बौद्धिक रूप से हम परतंत्र ही
हैं| क्योंकि हम अपनी महान सभ्यता और संस्कृति को छोड़कर पाश्चात्य सभ्यता और
संस्कृति को अपना रहे हैं | हम अपने गौरवशाली इतिहास को भूलते जा रहे हैं | आओ, आज
इस पावन दिन हम सब मिलकर प्रतिज्ञा करें कि आज से हम जो भी काम करेंगे उसका
उद्देश्य देश और समाज को बेहतर बनाना होगा | केवल स्वतंत्रता के गीत गाने से कुछ
नहीं होगा हमें मिलकर इस स्वतंत्रता को बचाये रखना है और एक बार फिर से विश्वगुरु
बनना है | जय हिन्द जय भारत| आपका दिन शुभ हो|
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