1.यह ब्लॉग साहित्य व समाज के संबंध में व्यावहारिक तथ्यों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से बनाया गया है |
2. कुछ मनोरंजक व ज्ञानवर्धक बातें भी यहाँ पर हैं |
3. मेरा सदैव प्रयास रहेगा कि मेरे द्वारा लिखे गए किसी भी लेख द्वारा किसी की भी भावनाएं आहत न हों |
4. आप सभी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी हूँ |
शनिवार, 1 अप्रैल 2023
बाबू मोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है जहांपनाह, जिसे न आप बदल सकते हैं न मैं, हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिनकी डोर ऊपर वाले के उंगलियों में बंधी है। rajesh khanna-aanand-
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